Sunday, October 8, 2017

खण्ड-2 के क्षणिकाकार-36

समकालीन क्षणिका             खण्ड/अंक-02                   अप्रैल 2017



रविवार  :  08.10.2017

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के अप्रैल 2017 में प्रकाशित खण्ड-2 में शामिल श्री राम प्रवेश रजक जी की क्षणिका।


राम प्रवेश रजक

01. अगर

डॉक्टर बनती
अगर
मैं
पैदा होती!

02. अफसर बिटिया

देश कैसे सुधरेगा
हजारों की संख्या में
रोज मर रही हैं
‘अफसर बिटिया’।

03. किसान की जान

चिलचिलाती धूप में
नौरंगित्रा की सूख जाती है
रेखाचित्र : उमेश महादोषी 
‘प्राण’
जैसे... जैसे सूखती है
असमय धान की मोरी।

04. सवाल

नजरुल, निराला, दिनकर की
कविताएँ
सरकार से पूछती हैं-
सैकड़ों सवाल
अक्सर!

  •  हिन्दी विभाग, पाण्डेश्वर कॉलेज, पाण्डेश्वर-713346, जिला वर्द्धमान, प. बं./मो. 09800936139

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