Sunday, February 24, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 60                फ़रवरी 2019


क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श क्षणिका विमर्श }

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रविवार : 24.02.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

प्रशान्त उपाध्याय




01. बसन्त

जिन्दगी के पेड़ों पर
उदासी लटकी है
बसन्त
न जाने कहां खो गया है!

02. स्वयंवर

दर्द का स्वंयवर
छायाचित्र : जितेंद्र कुमार 

हो रहा है
फिर कोई 
गीत जन्म लेगा!

03. बचपन

चैनलों की भीड़ में
बचपन कहीं खो गया है
वक्त से पहिले
हर बच्चा 
जवान हो गया है 
  • 364, शम्भूनगर, शिकोहाबाद-205135, उ.प्र./मोबा. 09897335385

Sunday, February 17, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 59                 फ़रवरी 2019


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रविवार : 17.02.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


ज्योत्स्ना शर्मा





01.

काँपता रहा 
लेकर पंख गीले 
मन का पंछी 
कितना भिगोया है?
अम्बर क्यों रोया है?

02.

होके सवार 
हवाओं के रथ पे 
चल दिया पत्ता 
धानी सी कोंपल को 
सौंप के सारी सत्ता!
छायाचित्र : उमेश महादोषी 


03.

सागर हुआ
मिलने को बेकल
धीमे-धीमे ही
बहती कल-कल
कहती रही- कल!

  • एच-604, छरवाडा रोड, वापी, जिला-वलसाड-396191, गुजरात/मो. 09824321053

Sunday, February 10, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 58                 फ़रवरी 2019


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रविवार : 10.02.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


बलराम अग्रवाल




01.

रुकती है तो सूख जाती है
नदी इसलिए
रुकती नहीं
सिर्फ रास्ता बदलती है

02.

उसने
पाया था यह मुकाम
लाँघते हुए वर्जनाओं को
रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 
अब
बन्द है प्रवेश यहाँ
वंचितों का।

03.

मैं परिंदा
आँधियों से कब डरा
आदमी ने जब बुलाया
तब मरा।

  • एम-70, उल्धनपुर, दिगम्बर जैन मन्दिर के पास, नवीन शाहदरा, दिल्ली/मो. 08826499115

Sunday, February 3, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 57                 फ़रवरी 2019


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रविवार : 03.02.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


चक्रधर शुक्ल








01. ऊर्जस्वी

सूर्य को अर्ध्य देना
ऊर्जावान को प्रणाम
रेखाचित्र : डॉ. सुरेंद्र वर्मा 
सूर्य
उद्भव का नाम!

02. सलाह

घनीभूत पीड़ाएँ
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ऐसे में 
निवेश न करें!


  • एल.आई.जी.-01ए, सिंगल स्टोरी, बर्रा-06ए कानपुर-208027 उ. प्र./मो. 09455511337