Sunday, February 28, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /165                      फरवरी 2021

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 28.02.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



शील कौशिक





01. पीड़िता


किसी के लिए वह किस्सा भर था

पर उसके जीवन का हिस्सा था

उसकी जड़ों का हिलना

काँपते रहने था जीवन भर


02. वह


प्रशंसकों से घिरा

महफ़िल में डोलता है

चुप रह कर भी

वह कितना बोलता है


रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
03. मन


मन के अंदर

कई मन हो जाते अंकुरित

कितने ही रूप और अहसास

हो जाते तरंगित

  • मेजर हाउस नं. 17, हुडा सेक्टर-20, पार्ट-1, सिरसा-125055, हरि./मो. 09416847107

Sunday, February 21, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /164                      फरवरी 2021

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रविवार  : 21.02.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!



नलिन




01.

त्यागभूमि यह, भागभूमि यह

हम सच्चे साधो हैं

हम मिटटी में पले बढ़े हैं

मिटटी के माधो हैं


रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 
02.

कुहरे के परकोटे 

उनके भीतर मैं हूँ

पंख उग गये मेरे

जब से बाहर देखा

खड़े हुए धुँधलाए

मैंने अपने कल को

  • 4 ई 6 , तलवंडी , कोटा - 324005 , राजस्थान , मो. 094139 87457

Sunday, February 14, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /163                      फरवरी 2021

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रविवार  : 14.02.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



 चक्रधर शुक्ल




01.


समय के पहले 

कुछ नहीं हो पाया ,

अभिमानी ने 

घर 

सर पर उठाया!


02.


प्रकृति से

खिलवाड़ 

महँगा पड़ा,

खुले में 

रहना पड़ा!


03.


पुरखों को

याद कर

संस्कारों को जीता,


कर्म करते रहो 

रेखाचित्र : (स्व.) बी.मोहन नेगी 

सिखलाती गीता!


04.


नदी में 

बाँध बनाकर

प्रवाह को 

थामने की चुनौती,

प्रलय

अहंकार को तोड़ती 

मिट्टी को रौंदती!

  • एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मोबाइल : 09455511337

Sunday, February 7, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /162                       फरवरी 2021

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रविवार  : 07.02.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


 सुशील पाण्डेय




01.


मेहनतकश/किसान का दर्द

माँ धरती समझती है

दुःख में दरकती है!


02. 


थके-हारे पिता की

निकल रही ‘चीख’

कलुवा के कानों में

मोबाइल की लीड।


03. 


चारों ओर/रोटी के लिए शोर

और/पेट का ककहरा है,

अफसोस

धृतराष्ट्र/गूँगा-बहरा है


04.


हमारी जागरूकता

केवल अखबारों के 

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
चर्चित दर्पण तक

बौद्धिकता/बेमुद्दा बहस तक

और दार्शनिकता

उलझाव तक।


05.


जाग नहीं सकती

कठपुतली,

तभी लग रही/बहुत भली!

  • 128/24, सी-ब्लॉक, किदवईनगर, कानपुर-208011, उ.प्र./मो. 09651690735