Sunday, January 27, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 56                   जनवरी 2019 


 

रविवार :   27.01.2019 
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

बालकृष्ण गुप्ता ‘गुरु’








01. गुस्सा 

थम गई वर्षा 
टपक रहा छप्पर 
रुक तो जाएगा 
परन्तु उकसाने पर 
फिर से टपकेगा ही

02. असत्य 
रेखाचित्र : (स्व.) बी. मोहन नेगी 

नीम अँधेरी रात
नींद गहरी 
हाथ लगी- 
सफ़ेद बिल्ली की पूँछ 
लगा- 
गिलहरी फिसल गई हाथ से

  • डॉ. बख्शी मार्ग, खैरागढ़-491881, जिला राजनांदगांव, छ.गढ़/मो. 09424111454

Sunday, January 20, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 55                   जनवरी 2019 

रविवार : 20.01.2019

‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


शैलेष गुप्त ‘वीर’








01.
सीमित मन
असीमित आत्मा
सदियों से/चल रहे हैं-
अपने-अपने दाँव
रेखाचित्र : (स्व.) पारस दासोत 
आदमी
आज भी नंगे पाँव!

02.

आज
सरकारी नल में 
पानी आ रहा है
यह ख़बर गंगू
सारे गाँव को बता रहा है!

  • 24/18, राधा नगर, फतेहपुर-212601, उ.प्र./मो. 09839942005

Sunday, January 13, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 54                  जनवरी 2019 



रविवार : 13.01.2019

‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
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वीणा शर्मा वशिष्ठ






01. चाँद

चाँद
छलिया
मन ले गया
आह!
दिन में 
वीरान...नितांत...
सूरज सँग
तपन में छोड़ गया...।

02. समर्पण
रेखाचित्र : बी.मोहन नेगी 

रूठना,
तिलमिलाना
क्षण भर का
सदियों सा गुजरना।
मात्र...
अधरों का खिलना,
समर्पण की गवाही!
प्रेम!?

03. अंतिम समय

अंतिम समय में,
मैं,
शैया पर मूक पड़ा,
खिलखिला पड़ा..
क्योंकि...
चाहकर भी ,
मैं,
‘‘मैं-मेरा न ले जा सका....।’’
  • 597, सेक्टर-8, पंचकूला-134109, हरियाणा/मो. 079862 49984

Sunday, January 6, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 53                 जनवरी 2019 


रविवार : 06.01.2019

‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

भावना कुँअर








01. उड़ान-2

पक्षी उड़ा और उड़ा फिर उड़ गया...
गिरा, रुका और फिर गिर गया...
मिला क्या उड़ान भरने में
जो कुछ था, वो तो वहीं रह गया।

02. आँसुओं का सैलाब

रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 
आँसुओं का मेरा 
सैलाब जो उमड़ा...
वो अन्जान बन
यादों की कश्ती डुबा
छोड़ पतवार 
खामोशी के साथ 
चुपके से...
दबे पाँव निकल लिया।

  • सिडनी, आस्ट्रेलिया
  • भारत में: द्वारा श्री सी.बी.शर्मा, आदर्श कॉलोनी, एस.डी.डिग्री कॉलिज के सामने, मुज़फ़्फ़रनगर(उ.प्र.) ईमेल: bhawnak2002@gmail.com