Sunday, February 23, 2020

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 /112                              फरवरी 2020



क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }

रविवार : 23.02.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


पुष्पा मेहरा 





01.

रोया था मन 
आँखें तो सिर्फ़
गवाही दे गईं !!

02.

फूल थे, खिले  
अग-जग-रंजित कर
सेवा ऋण अदा कर मिट गए
उन्हीं के साथ पोषित काँटें
गिरने के बाद भी तने रहे!! 

03.

छायाचित्र : उमेश महादोषी 
साँझ के ढलने तलक 
जंगल कटते रहे 
उनके अन्तस् को 
मौन चीरता गया।

04.

शहर आबाद हैं 
सागर को तलाशती   
नदी 
अंतर तक सूख चुकी है।

  • बी-201, सूरजमल विहार, दिल्ली-92/फ़ोन 011-22166598

Sunday, February 16, 2020

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 /111                              फरवरी 2020



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रविवार : 16.02.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


शैलेष गुप्त ‘वीर’







01.

अचानक उभरी
मोबाइल की स्क्रीन पर
उसकी खिलखिलाती तस्वीर,
फिर बस गये
स्मृतियों के महानगर!

02.

शब्द चुक गये
अक्षर उड़ गये
रेखाचित्र : डॉ. सुरेन्द्र वर्मा
लो फिर
याद आ गयी
तुम्हारी!

03.

तुम फूल भी हो
टहनी भी हो
जड़ भी हो
तुम्हारे बिन सम्भव नहीं
अस्तित्व गुलाब का!

  • 24/18, राधा नगर, फतेहपुर-212601, उ.प्र./मो. 09839942005

Sunday, February 9, 2020

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 /110                              फरवरी 2020



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रविवार : 09.02.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

विभा रश्मि 







01.

ऊँटों का काफ़िला 
रेतीले टीबे पर 
चढ़ता-उतरता 
ढाँणियों से होकर 
गुज़रता
तब
रेखाचित्र  : (स्व.) बी. मोहन नेगी 
गोरी का हिय
धक-धक धड़कता।     

02. 

चली गई माँ
कभी नहीं लौटेगी
किसे दिखाऊँ 
सच्चाई दिल की ये 
अब माफ़ी कौन देगा?

  • एस-1/303, लाइफस्टाइल होम्स, होम्स एवेन्यू, वाटिका इण्डिया नेक्स्ट, सेक्टर 83, गुड़गाँव-122004, हरि./मोबा. 09414296536

Sunday, February 2, 2020

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 /109                             फरवरी 2020



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रविवार : 02.02.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

राजेश ’ललित’ शर्मा










01.

ख़ूब मलिये             
ज़ख़्मों पे नमक!
रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया
दर्द की इन्तहा
क्या है?
हम जानते हैं

02.

अपना पता बदलिये, जनाब!!
आजकल इस पते पर 
डाक नहीं आती है!!
कुछ धमकियाँ आती हैं।।

  • बी-9/ए, डीडीए फ़्लैट, निकट होली चाईल्ड स्कूल, टैगोर गार्डन विस्तार, नई दिल्ली-27/मो. 09560604484