Sunday, April 14, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/328                 अप्रैल 2024 

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 14.04.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


रमेश कुमार भद्रावले



01. दहन


वरदान के बाद

भी होलिका को

जलने से कोई,

नहीं बचा पाया,

आज तक शोला,

ऐसा कोई नहीं,

जो धुएँ को

जला पाया,


रेखाचित्र : डॉ  सुरेंद्र वर्मा 
2. बेर


जीभ लक्ष्मण की

आम नागरिक-सी 

ललचाती है

देश में राम और सबरी से,

मीठे बेर

इल्लियाँ खाती हैं।

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831

Sunday, April 7, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/327                 अप्रैल 2024

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रविवार  : 07.04.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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रमा द्विवेदी 




01.


आत्मा का उत्थान

तै करता है

आवागमन के पथ को

प्रकाशमान!

चित्र : प्रीती अग्रवाल 


02. 


जीवन-मरण

जन्म-जन्मांतर के

कर्मों का है 

अलग-अलग संस्करण!


  • फ़्लैट नं. 102, इम्पीरिअल मनोर अपार्टमेंट, बेगमपेट, हैदराबाद-500016, तेलंगाना

Sunday, March 31, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/326                 मार्च 2024

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रविवार  : 31.03.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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कंचन अपराजिता




01.


मेरे प्रेम 

तेरे प्रेम की तुलना

व्यर्थ है

मैं शब्दों में जीती हूँ

तू भावों में जीता है

मैं दर्द लिखती हूँ

तू गरल पीता है...


02.

रेखाचित्र : मॉर्टिन जॉन 


करवा चौथ 

आज मेरा भी था

दीवारों पर

तस्वीर प्यार की जब

दिख गई...

  • 39/1ए सिन्दूर ग्रीन पार्क, जयचन्द्रन नगर, पालीकरनाय, चेन्नई-600100, त.नाडु

(39/1, Sindur green park, Jayachandran Nagar, Pallikarnai, Chennai-600100, T. Nadu ) 

Sunday, March 24, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/325                 मार्च 2024

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रविवार  : 24.03.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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अनीता ललित




01.


जिस ओर रस्ता ही न हो...

उस मंज़िल का क्या करूँ?

जिस छोर मंजिल ही न हो...

उस रस्ते का क्या करूँ?


02.


बहुत खोजी मैंने

आँसुओं के दरिया में तस्वीर अपनी,

हर क़तरे में मगर...

वजूद उसका झलकता पाया...!


03.

छायाचित्र : उमेश महादोषी 


प्यार का कैसा तोहफा...

ये तुमने मुझे दिया...

बरसात में भीगता ताज़महल...

मुझको बना दिया...!


  • 1/16, विवेक खंड, गोमतीनगर, लखनऊ-226010, उ.प्र. 

Sunday, March 17, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/324                 मार्च 2024

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रविवार  : 17.03.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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परमेश्वर गोयल उर्फ काका बिहारी





01.


चिड़िया 

चिड़े से बोली- 

जंगल से मन ऊब गया है, 

चलो! किसी गाँव 

या शहर चलते हैं,

चिड़ा बोला- नहीं-नहीं! 

वहाँ आदमी रहते हैं!


02.


आदत

त्याग की 

नयी नहीं 

पुरानी है, 

हमारी आँख में 

अभी भी पानी है!


03.

रेखाचित्र : डॉ सुरेंद्र वर्मा 


पच्चीस बाँटा

पचहत्तर खा गये 

हिस्सा 

अपना-अपना 

कुर्सी वाले पा गये!

  • गुलाब बाग, पूर्णिया- 854326, बिहार

Sunday, March 10, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/323                 मार्च 2024

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रविवार  : 10.03.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


मिथिलेश दीक्षित




01.

झूठ के पैरों

कुचलकर

सच अकेला चला,

भीड़ ने भी छला।


02.


मंज़िल के

क़दमों को कैसे 

चूमेंगे,

जब खण्ड-खण्ड में 

एक दायरे में 

घूमेंगे!


03. 

रेखाचित्र : के के अजनबी 

हम नहीं होंगे

हमारी अस्मिता होगी,

धरा होगी,

हमारी अक्षरा की

गूँजती 

वाणी परा होगी!

  • जी-91,सी, संजयपुरम लखनऊ-226016 (उ.प्र.)

Sunday, March 3, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/322                 मार्च 2024

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रविवार  : 03.03.2024
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रमा द्विवेदी 



01. 


एक लक्ष्मण रेखा, 

क्या लांघी?

सीता हरण हो गया,

भयंकर राम-रावण युद्ध, 

एक युग का अन्त।


02. 

चित्र : प्रीति अग्रवाल 


जीवन-अवतरण

जन्म -जन्मांतर के

समुच्चय कर्मों का

प्रकाशित रूपांतरण!

  • फ़्लैट नं. 102, इम्पीरिअल मनोर अपार्टमेंट, बेगमपेट, हैदराबाद-500016, तेलंगाना

Sunday, February 25, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/321                  फरवरी  2024

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
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रविवार  : 25.02.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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उमेश महादोषी




01.


रोटी की बात करते-करते

भूख

रोटी के खिलाफ 

खड़ी हो जाती है

सच तो यह है-

रोटी को गले से उतारकर

भूख नशे की तरह चमकती है

और फैलती चली जाती है!


02.


मजदूरों का 

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
छोटा-सा संसार है

जिसमें- सितारों से कुछ नारे हैं

नारों में भूख

और भूख में अधिकार हैं

अधिकार 

सारे रोटी पर सवार हैं!

  • 121, इंदिरापुरम, निकट बीडीए कॉलोनी, बदायूं रोड, बरेली-243001, उ.प्र./मो. 09458929004

Sunday, February 18, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/320                  फरवरी  2024

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
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रविवार  : 18.02.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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चक्रधर शुक्ल




01.


ख़ून के छींटे 

गवाही देते,

क़ातिल 

स़फाई देते!


02.


लालसा ने

ऐसा खेल रचा,

स्वयं फसा!


03.


छायाचित्र : उमेश महादोषी 
सीख देना

आजकल के समय में 

अभिशाप,

बेटा, बेटा नहीं 

बाप!

  • एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मो. 09455511337

Sunday, February 11, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/319                  फरवरी  2024

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रविवार  : 11.02.2024
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अशोक ‘आनन’





01.


पेड़!

तेरे साथ 

पतझड़ में-

न पत्ते रहे, न फूल।

पगले!

फ़िर क्यों...

तुझे इतना नाज़ है...!


02.

छायाचित्र : उमेश महादोषी 


पेड़!

तू इतना भी ग़म न कर।

याद रख-

पतझड़ के बाद 

मधुमास भी आता है।

  • 11/82, जूना बाज़ार, मक्सी, जिला शाजापुर-465106, म.प्र.

Sunday, February 4, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/318                  फरवरी  2024

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रविवार  : 04.02.2024
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 कंचन अपराजिता



01.


तुम अपनी जुबां से

बार-बार जो मेरा

नाम लेते हो

तुम्हारे हर शब्द पर

मेरा दिल 

मनका बन जाता है


02.

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 

जो जिह्वा 

शब्द तोलती है

तोलकर बोलती है

वो कर्ण में

शहद ही घोलती है।

  • 39/1ए सिन्दूर ग्रीन पार्क, जयचन्द्रन नगर, पालीकरनाय, चेन्नई-600100, त.नाडु

(39/1, Sindur green park, Jayachandran Nagar, Pallikarnai, Chennai-600100, T. Nadu)


Sunday, January 28, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/317                  जनवरी  2024

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रविवार  : 28.01.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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मिथिलेश दीक्षित




01. 

खाली हाथ 

अगर हो पाते

तो अवश्य 

कुछ लेकर जाते!


02. 

एक फूल

देखा बचपन में

आज तलक

खिला हुआ है

मेरे मन में!


03. 


सामयिक 

छायाचित्र :  उमेश महादोषी 
चुनौतियों का

तीखा है बोध,

तीखी है

प्रतिक्रिया और 

तीक्ष्ण प्रतिरोध!

  • जी-91,सी, संजयपुरम लखनऊ-226016 (उ.प्र.)

Sunday, January 21, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/316                  जनवरी  2024

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
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रविवार  : 21.01.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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अनीता ललित



 

01.

बनकर जियो ऐसी मुस्कान...

कि... हर चेहरे पर खिलकर राज करो...!

न बनना किसी की... 

आँख का आँसू...

कि गिर जाओ... तो फिर उठ न सको...!


02.


मेरी नींदें मुझसे खफा हो जाती हैं...

मेरी पलकों में तुम...

ख्वाब बन के समाया न करो...!

चित्र : प्रीति अग्रवाल 


03.


भीगे-भीगे जज़्बात...

तेरी यादों की धूप में...

सीली-सीली सी महक...

एक जलतू बजूद में...

  • 1/16, विवेक खंड, गोमतीनगर, लखनऊ-226010, उ.प्र. 

Sunday, January 14, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/315                  जनवरी  2024

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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 14.01.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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रमा द्विवेदी 





01.


समानान्तर रेखाएँ

किसी को काटती नहीं,

इसलिए जीवन का बीजगणित,

अर्थवान हो उठता है।


02.


रेखाओं को यूँ ही

व्यर्थ मत करो, 

क्योंकि यही रेखाएँ होती हैं 

सभ्य संस्कृति और-

सभ्य समाज की धरोहर। 

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 


03.


रेखाएँ खींचना मगर 

हथेली की लकीरों की तरह 

कम से कम मिल सकें 

कहीं पर तो हम! 

  • फ़्लैट नं. 102, इम्पीरिअल मनोर अपार्टमेंट, बेगमपेट, हैदराबाद-500016, तेलंगाना