Sunday, March 24, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/325                 मार्च 2024

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 24.03.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  



अनीता ललित




01.


जिस ओर रस्ता ही न हो...

उस मंज़िल का क्या करूँ?

जिस छोर मंजिल ही न हो...

उस रस्ते का क्या करूँ?


02.


बहुत खोजी मैंने

आँसुओं के दरिया में तस्वीर अपनी,

हर क़तरे में मगर...

वजूद उसका झलकता पाया...!


03.

छायाचित्र : उमेश महादोषी 


प्यार का कैसा तोहफा...

ये तुमने मुझे दिया...

बरसात में भीगता ताज़महल...

मुझको बना दिया...!


  • 1/16, विवेक खंड, गोमतीनगर, लखनऊ-226010, उ.प्र. 

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