Sunday, August 28, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /243                            अगस्त 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 28.08.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



हीरा सिंह कौशल



01.


उनका मान 

बड़ा दिल में 

प्रशंसा उनकी 

दहलीज में सुनी

गरल-सी बातें 

पाँव ने वापसी का 

रास्ता नापा।


02.


सत्ता पे 

काबिज राजा 

हर शह में 

पहरेदार नारद मुनि 

सामने हार देख 

गिद्धों के टोलों में 

मची है खलबली। 


03.


सुना है किसान कायल 

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
हरित क्रांति का हुआ

मजूमदार है कि 

किसान की

फसल डकारने 

का तलबगार 

हुआ। 

  • गांव व डा महादेव, तहसील सुंदरनगर, जिला मंडी हिमाचल प्रदेश मोबाइल 9418144751  

Sunday, August 21, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /240                            अगस्त 2022 

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रविवार  : 21.08.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


रमेश कुमार भद्रावले 




01.

चाहे 

पचास-सौ

साल हो जावे,

पर नहीं

भूल पाते,

प्रेममय होेकर,

प्रणय-प्रसंग से

ताला-चाबी

खुल जाते!


02. 


डर के निर्माण से ही

चित्र : प्रीति अग्रवाल 
कुदरत 

आज भी चलती है

पानी आग को,

आग भी 

पानी को

सुखा देती है!

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831 

Sunday, August 14, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /241                           अगस्त 2022 

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रविवार  : 14.08.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


शिव डोयले




01. टीस


दर्द की 

टीस भी 

प्यारी चीज है 

वो क्या समझेंगे

जिनके गले में 

बँधा 

सुख का ताबीज है


02. धूप


इस तरह 

छायाचित्र : उमेश महादोषी 
मई की तपती 

धूप बनकर 

मत निकला करो 

मैं डामर 

की तरह 

पिघल जाता हूँ!

  • 19, झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001, म.प्र./मो. 09685444352 

Sunday, August 7, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /240                            अगस्त 2022 

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रविवार  : 07.08.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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ज्योत्स्ना प्रदीप



01. नाम 


तुम आकाश को

छू रही हो 

लोग हैरान!

आकाश भी  बड़े

अदब से लिख लेता

अपने नीले सफ़े पर

ऐसी लड़कियों  के नाम।


02. निशान 


तुमने उसे

नहीं छुआ

वो ये तो बताती है 

मगर तेरी निगाहों  के

बेरहम नश्तरों के

निशान 

वो लोगों को आज भी

दिखाती है।


03. हदें


उस लड़की को 

आँकना मत

रेखांकन : मॉर्टिन जॉन 
मर्यादित है और 

सहनशील भी 

लेकिन...

बाढ़ आने पर तो

हदें पार करती है 

एक छोटी सी 

शान्त  झील भी!

  • देहरादून, उ.खण्ड //मो. 06284048117//ईमेल:  jyotsanapardeep@gmail.com