Sunday, March 26, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /273                     मार्च 2023 

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 26.03.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



केशव शरण





01.


अपने आंसू पीता हुआ

तुम्हारे जाम को

याद करता हूँ

शाम को उभरने वाले

इस दर्द में भी

इक नशा है


02.


नुस्खा, दवा, दूध, आटा

चित्र : प्रीती अग्रवाल 

सब सही हैं तो

गलत कौन

क्या वो

जो हमेशा के लिए

हो गया मौन!

  • एस 2/564, सिकरौल, वाराणसी कैन्ट-221002 (उ0प्र0)

Sunday, March 19, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /272                     मार्च 2023 

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रविवार  : 19.03.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!   


शोभा रस्तोगी शोभा 




01. नदी

 

गई रात

नीला शुभ्र आसमां

उतर आया नदी पे

चाँद तारों के साथ

और नदी

झिलमिला उठी

भर रात डूबते उतराते रहे

खूब नहाते रहे सितारे

चाँद घना उजला हो गया

नभ नीलिमा नदी में सो गई

सुबह नदी उदास थी


02. साथ तेरा



रही चाहत सदा

तेरे साथ की

रेखाचित्र : सिद्धेश्वर 
तुम

जिन्न नहीं अलादीन के

कि मेरे सवालों को 

माकूल हल मिल जाये

तुम्हारे साथ होने पर भी

सवाल तो टँगे रहते हैं हमेशा

बस, उनका पैनापन भोथरा हो जाता है 

  • आर जेड डब्ल्यू-208-बी, डी.डी.ए. पार्क रोड, राजनगर-2, पालम कालोनी, नई दिल्ली-77/मो. 09650267277

Sunday, March 12, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

 समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 / 271                      मार्च 2023 

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रविवार  : 12.03.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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अंजू दुआ जैमिनी




01. गागर 


कट-कट कर ख्वाब 

मरते रहे 

हम घायल परिंदे से 

तड़पते रहे 

एक बूँद 

थे चाहते तुमसे, 

गागर 

मगर तुम अपनी 

भरते रहे।


02. ऊँ सरस्वत्यै नमः 


आज तक 

अब तक 

रेखाचित्र : अंजू दुआ जैमिनी 
अभी तक 

जितना भी 

लिखा गया 

जितना सोचा गया 

अच्छा 

बहुत अच्छा 

बहुत-बहुत अच्छा 

आशीर्वाद है माँ का। 

  • 839, संक्टर-21, पार्ट-2, फरीदाबाद-121001, हरियाणा/मो. 09810236253

Sunday, March 5, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /270                     फरवरी 2023 

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रविवार  : 05.03.2023
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कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’



 

01. तुम आए


तुम आए स्वप्न जैसे

इससे पहले कि यकीं होता

दुनिया की हकीकत ने

नींद से जगा दिया

और मैं कभी तुम्हें खोज रही थी

कभी देख रही थी- दीवारें।


02. पीड़ा


तुमसे दूर होकर

विरह को जीने में

असहनीय पीड़ा

बार-बार मरने जैसी।


03. आँखें


तुम्हें विदा कहते हुए

मेरी आँखों ने एक चिट्ठी लिखी

तुम्हारी आँखों के नाम,

तुम्हारी आँखों ने पढ़ी;

लेकिन आँसुओं से

उस लिखावट को धोने के बजाय

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
तुम्हारी आँखों ने

समेट लिया उन सन्देशों को

और जुदाई में आँसुओं से

एक-एक अक्षर पर

लाखों ग्रन्थ लिख डाले।


-II S-3, B.T. HOSTEL UNIVERSITY CAMPUS, MADHI CHAURAS, P.O. KILKILESHWAR, TEHRI,Garhwal- 249161 Uttarakhand