Sunday, May 28, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03/282                      मई  2023 

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 28.05.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


ज्योत्स्ना शर्मा 




01.


कैसे रचती

मधुर-सी रचना

कचोटता यथार्थ

दिखता यहाँ

अक्सर ही बातों में

घुला-मिला है स्वार्थ।


02.

 

दूरदर्शन

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
कहता ही रहता

बस अपनी कथा

क्या बाँच पाया

कभी यह किसी की

अपरिमेय व्यथा।

  • एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला-वलसाड-396191, गुजरात/मो. 09824321053

Sunday, May 21, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03/281                      मई  2023 

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रविवार  : 21.05.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


 कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’




01. तुम क्या जानो?


तुम वातानुकूलित प्रेमी

मैं नीलांचल की जलधारा

पर्वतों की गोद में

उन्मुक्त बहने का सुख

तुम क्या जानो?


02. कामनाएँ


लहलहाती फसल-सी

रेखाचित्र : बी.मोहन नेगी (स्मृतिशेष)

कामनाएँ उसकी

ओलावृष्टि-सी युग दृष्टि

विवश कृषक-सी वह

फिर भी चुनती

ओलों को मोती-सा


  • II S-3, B.T. HOSTEL UNIVERSITY CAMPUS, MADHI CHAURAS, P.O. KILKILESHWAR, TEHRI,Garhwal- 249161 Uttarakhand

Sunday, May 14, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03/280                      मई  2023 

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रविवार  : 14.05.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


उमेश महादोषी



01.


कोई आँखों में देखता है सागर

कोई देखता है झील

तो क्या 

सागर और झील को 

मैं तुम्हारा पर्याय समझूँ!

उस चिड़िया की आँखों ने

मुझसे पूछा है।


02.


वो, 

जो पहाड़ से झरना गिरता है

वो 

जो बगिया के गुलाब पर

गहरे रंग का फूल खिलता है

वो

जो झील-किनारे 

सुवासित पवन विचरता है


तुम्हारे लिए, देखो

मेरा मन क्या-क्या करता है!


03.


सरोवर में नहाता है

छायाचित्र : अभिशक्ति गुप्ता   

पंख फड़फड़ाता है

डूबकर गाता है

ये पंछी उड़ जाता है

बैठकर/अंत में

शीश पर पहाड़ के

मुस्कुराता है!

  • 121, इंदिरापुरम, निकट बीडीए कॉलोनी, बदायूं रोड, बरेली-243001, उ.प्र./मो. 09458929004

Sunday, May 7, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /279                     मई  2023 

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रविवार  : 07.05.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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वी. एन. सिंह





01. अँधेरा

ऐसा क्यों होता है

अँधेरा

सूर्य के अस्त होने के साथ

अचानक बड़ा हो जाता है।


02. सूनापन


इस सूनेपन में

न जाने कितने चिराग रोशन हो गए

मेरी तन्हाई में 

अक्सर आते हो तुम

गुदगुदाकर चले जाते हो।


03. ख़ामोश कमरा

चित्र : प्रीति अग्रवाल 


ख़ामोश कमरा

बोलता नहीं

बार-बार 

इधर-उधर देखता हूँ

लगता है कहीं अपनी जिन्दगी के 

पन्नों को दोहरा रहा हूँ।

  • 111/98-फ्लैट 22, अशोक नगर, कानपुर-208012, उ.प्र./मोबा. 09935308449

Sunday, April 30, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /278                     अप्रैल 2023 

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रविवार  : 30.04.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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कंचन अपराजिता





01.

        

जब तेरे हाथ से

मेरा हाथ छूटा

दिल में उस पल की

किरचें

आज भी चुभती हैं।


02.


ममता से भरे

हाथ भवानी

जब तेरे भक्तों पर पड़ते हैं

रेखाचित्र : उमेश महादोषी 
लौह कंचन हो जाता

काँच हीरा सदृश्य

चमकते हैं।


03.


तेरी गलियों से 

गुजरने मात्र से ही 

मेरे बदन से 

इत्र की

खुशबू आती है।

  • 39/1ए सिन्दूर ग्रीन पार्क, जयचन्द्रन नगर, पालीकरनाय, चेन्नई-600100, त.नाडु

(39/1, Sindur green park, Jayachandran Nagar, Pallikarnai, Chennai-600100, T. Nadu)

Sunday, April 23, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /277                     अप्रैल 2023 

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रविवार  : 23.04.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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रमेश कुमार भद्रावले





01. तोता


मेरा गंगाराम भी

जमाने के साथ-साथ

बिगड़ता जाता है

हरी मिर्च देखकर नहीं

पिज्जा देखकर 

चोंच बढ़ाता है


02. धूप-छाँव


जीवन में

रेखाचित्र : सिद्धेश्वर 

जिन्दगी भी/सचमुच

पतंग जैसी होती है

कभी ऊपर, कभी नीचे

कटकर 

कभी लुट तक जाती है।

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831