Sunday, September 29, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/352                 सितम्बर  2024 

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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 29.09.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


अशोक ‘आनन’




01. आदमी

दिसम्बर-जनवरी की 

सख्त सड़क

मई-जून में पिघल गई

लेकिन-

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
आदमी नहीं


02. हम

वक्त की खूँटी पर

हम

वक्त के हेंगर हैं

  • मक्सी- 465106, जिला शाजापुर (म.प्र.) 

Sunday, September 22, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/351                 सितम्बर  2024 

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रविवार  : 22.09.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  



रमा द्विवेदी





1.

तुम दूर  हो या पास ,

तुम्हारे प्यार का अहसास,

मेरी साँसों में ,

रेखाचित्र : बी मोहन नेगी (स्मृतिशेष)
संगीत भर देता है।


2.

‘प्यार’ वह संजीवनी है,

जो ऊसर ज़मीन को भी,

उर्वरा बना देती है...

  • फ़्लैट नं.102, इम्पीरिअल मनोर अपार्टमेंट, बेगमपेट, हैदराबाद-500016/मो. 09849021742 

Sunday, September 15, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/350                 सितम्बर  2024 

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रविवार  : 15.09.2024
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उमेश महादोषी



01.

इक लम्बा समय हुआ

मैं 

मित्रों से मिला नहीं

और आज मुझे मालूम हुआ

किसी मित्र को 

इसका गिला नहीं


02.

मैं अपना नाम बदल रहा हूँ

चित्र : प्रीती अग्रवाल 

आप कहीं भी

मेरा पुराना नाम पढ़ें

तो मान लें

कि वो मेरा नाम नहीं है

वैसे अभी मैंने 

नया नाम रखा नहीं है 

  • 121, इंदिरापुरम, निकट बीडीए कॉलोनी, बदायूं रोड, बरेली-243001, उ.प्र./मो. 09458929004

Sunday, September 8, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/349                 सितम्बर  2024 

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रविवार  : 08.09.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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शशि पाधा 





01.

मैं धावक नहीं 

जो जीवन को बस 

दौड़ के जियूँ 

मैं,

ओस की बूँद, किरणों की झिलमिल 

अंकुरित पत्ती, मुस्काती कलियाँ 

हवा की गंध, आकाश का मौन 

सभी देखना और जीना चाहती हूँ 

बोलो- साथ दोगे?


02. अपना घर

मैंने चाहा....

थोड़ा सा आकाश

नदी किनारा

नन्हीं सी बगिया

दो कमरे

रेखाचित्र : राजवंत राज 
नीले पर्दे

कोने में ताज़े फूलों से सजा फूलदान

और तुमने....

थमा दी

लॉकर की चाबी

बैंक की पास बुक

पराये मकान

और मैं जीवन भर

अपना घर ढूँढती रही...

  • 174/3, त्रिकुटानगर, जम्मू-180012, जम्मू-कश्मीर

Sunday, September 1, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/348                  सितम्बर 2024 

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रविवार  : 01.09.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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विभा रश्मि





01.


मधुपान करूँ

सब्ज़ बगिया की 

फूलवती झाड़ियों में

शहद घोल दूँ

कर्ण-रंधों में प्रकृति के 

परोपकारी 

हमिंग वर्ड मैं।


02.

   

कर्णरंध्रों में मेरे

फूँके है कौन मंत्र 

और

प्राणवायु स्नायु 

ऑक्सीजन 

नासिका रन्ध्रों में। 


03.

चित्र : प्रीति अग्रवाल 


तमन्नाओं की खेती 

दिल में कर ,

निज के

स्वप्निल संसार को

मूर्त रूप देने से 

कभी न डर 

ओ निडर !!

  • एस-1/303, लाइफस्टाइल होम्स, होम्स एवेन्यू, वाटिका इण्डिया नेक्स्ट, सेक्टर 83, गुड़गाँव-122004, हरि./मोबा. 09414296536 

Sunday, August 25, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/347               अगस्त 2024 

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रविवार  : 25.08.2024
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वीणा शर्मा वशिष्ठ





01. प्रेम


वह प्रेम ही तो है 

जो अब तक 

शेष हो तुम...  

मेरी स्मृतियों में। 


02. शीत

छायाचित्र : उमेश महादोषी 


शीत में 

जम जाती है 

प्रकृति

नहीं जमता तो प्रेम 

प्रेम...

उछलता है, 

गुनगुनाता है, 

बहता है 

एक-दूसरे के दिल में।  

  • 597, सेक्टर-8, पंचकूला-134109, हरियाणा/मो. 07986249984

Sunday, August 18, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/346               अगस्त 2024 

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रविवार  : 18.08.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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अशोक आनन





01.


पेड़ !

जिस हवा ने -

ग़रीबों के आशियाने उजाड़ने में

ज़रा भी न सोचा ।

आज

उसी हवा ने -

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
तुझे उजाड़ दिया।


02. दीया

जिसने भी-

अँधेरा जिया है

उसके लिए-

सूरज से बढ़कर

‘दिया’ है

  • 11/82, जूना बाज़ार, मक्सी, जिला शाजापुर-465106, म.प्र. 

Sunday, August 11, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/345               अगस्त 2024 

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रविवार  : 11.08.2024
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रमा द्विवेदी





01.


रेखाओं की भी, 

होती है एक इबारत,

पढ़ सको तो पढ़ लेना।


02.


रेखाएँ!

सोच-समझ कर खींचना

ये अभिशाप भी बन सकती हैं

और

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 

वरदान भी।


03.


हस्त रेखाएँ,

बताती हैं भाग्य, लेकिन

क्या कोई सच में,

इन्हें पढ़ पाया है!

  • फ़्लैट नं.102, इम्पीरिअल मनोर अपार्टमेंट, बेगमपेट, हैदराबाद-500016/मो. 09849021742 

Sunday, August 4, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/344                 अगस्त 2024 


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रविवार  : 04.08.2024
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शशि पाधा 





01.


उसने जो खटकाई साँकल

सिहर उठा था माँ का आँचल 

माँ की गोदी सर रख कर 

न कौंधेगी, न गरजेगी

आज वो केवल बरसेगी.....


02.


तुम फूल बेचती हो 

और 

मैं मुस्कान ख़रीदने आता हूँ 

रेखाचित्र : प्रीति अग्रवाल 

मेरे पास फूलों के लिए 

रूपये नहीं 

और तुम्हारी मुस्कान की 

कोई कीमत नहीं 

तुम यूँ ही फूल बेचो 

मैं यूँ ही मुस्कान खरीदूँगा

कितना ख़ूबसूरत सौदा है न 

हमारे बीच

  • 174/3, त्रिकुटानगर, जम्मू-180012, जम्मू-कश्मीर

ईमेल : shashipadha@gmail.com