समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/328 अप्रैल 2024
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
रमेश कुमार भद्रावले
01. दहन
वरदान के बाद
भी होलिका को
जलने से कोई,
नहीं बचा पाया,
आज तक शोला,
ऐसा कोई नहीं,
जो धुएँ को
जला पाया,
रेखाचित्र : डॉ सुरेंद्र वर्मा |
जीभ लक्ष्मण की
आम नागरिक-सी
ललचाती है
देश में राम और सबरी से,
मीठे बेर
इल्लियाँ खाती हैं।
- गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831