Sunday, March 12, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

 समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 / 271                      मार्च 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 12.03.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 




अंजू दुआ जैमिनी




01. गागर 


कट-कट कर ख्वाब 

मरते रहे 

हम घायल परिंदे से 

तड़पते रहे 

एक बूँद 

थे चाहते तुमसे, 

गागर 

मगर तुम अपनी 

भरते रहे।


02. ऊँ सरस्वत्यै नमः 


आज तक 

अब तक 

रेखाचित्र : अंजू दुआ जैमिनी 
अभी तक 

जितना भी 

लिखा गया 

जितना सोचा गया 

अच्छा 

बहुत अच्छा 

बहुत-बहुत अच्छा 

आशीर्वाद है माँ का। 

  • 839, संक्टर-21, पार्ट-2, फरीदाबाद-121001, हरियाणा/मो. 09810236253

No comments:

Post a Comment