Sunday, August 7, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /240                            अगस्त 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 07.08.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


ज्योत्स्ना प्रदीप



01. नाम 


तुम आकाश को

छू रही हो 

लोग हैरान!

आकाश भी  बड़े

अदब से लिख लेता

अपने नीले सफ़े पर

ऐसी लड़कियों  के नाम।


02. निशान 


तुमने उसे

नहीं छुआ

वो ये तो बताती है 

मगर तेरी निगाहों  के

बेरहम नश्तरों के

निशान 

वो लोगों को आज भी

दिखाती है।


03. हदें


उस लड़की को 

आँकना मत

रेखांकन : मॉर्टिन जॉन 
मर्यादित है और 

सहनशील भी 

लेकिन...

बाढ़ आने पर तो

हदें पार करती है 

एक छोटी सी 

शान्त  झील भी!

  • देहरादून, उ.खण्ड //मो. 06284048117//ईमेल:  jyotsanapardeep@gmail.com

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