समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/319 फरवरी 2024
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 11.02.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
अशोक ‘आनन’
01.
पेड़!
तेरे साथ
पतझड़ में-
न पत्ते रहे, न फूल।
पगले!
फ़िर क्यों...
तुझे इतना नाज़ है...!
पेड़!
तू इतना भी ग़म न कर।
याद रख-
पतझड़ के बाद
मधुमास भी आता है।
- 11/82, जूना बाज़ार, मक्सी, जिला शाजापुर-465106, म.प्र.
No comments:
Post a Comment