समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /110 फरवरी 2020
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }
रविवार : 09.02.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
01.
ऊँटों का काफ़िला
रेतीले टीबे पर
चढ़ता-उतरता
ढाँणियों से होकर
गुज़रता
तब
रेखाचित्र : (स्व.) बी. मोहन नेगी |
धक-धक धड़कता।
02.
चली गई माँ
कभी नहीं लौटेगी
किसे दिखाऊँ
सच्चाई दिल की ये
अब माफ़ी कौन देगा?
- एस-1/303, लाइफस्टाइल होम्स, होम्स एवेन्यू, वाटिका इण्डिया नेक्स्ट, सेक्टर 83, गुड़गाँव-122004, हरि./मोबा. 09414296536
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