Sunday, January 6, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 53                 जनवरी 2019 


रविवार : 06.01.2019

‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

भावना कुँअर








01. उड़ान-2

पक्षी उड़ा और उड़ा फिर उड़ गया...
गिरा, रुका और फिर गिर गया...
मिला क्या उड़ान भरने में
जो कुछ था, वो तो वहीं रह गया।

02. आँसुओं का सैलाब

रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 
आँसुओं का मेरा 
सैलाब जो उमड़ा...
वो अन्जान बन
यादों की कश्ती डुबा
छोड़ पतवार 
खामोशी के साथ 
चुपके से...
दबे पाँव निकल लिया।

  • सिडनी, आस्ट्रेलिया
  • भारत में: द्वारा श्री सी.बी.शर्मा, आदर्श कॉलोनी, एस.डी.डिग्री कॉलिज के सामने, मुज़फ़्फ़रनगर(उ.प्र.) ईमेल: bhawnak2002@gmail.com

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