समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 / 56 जनवरी 2019
रविवार : 27.01.2019
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
बालकृष्ण गुप्ता ‘गुरु’
01. गुस्सा
थम गई वर्षा
टपक रहा छप्पर
रुक तो जाएगा
परन्तु उकसाने पर
फिर से टपकेगा ही
02. असत्य
रेखाचित्र : (स्व.) बी. मोहन नेगी |
नीम अँधेरी रात
नींद गहरी
हाथ लगी-
सफ़ेद बिल्ली की पूँछ
लगा-
गिलहरी फिसल गई हाथ से
- डॉ. बख्शी मार्ग, खैरागढ़-491881, जिला राजनांदगांव, छ.गढ़/मो. 09424111454
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