समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /164 फरवरी 2021
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 21.02.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 21.02.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
नलिन
01.
त्यागभूमि यह, भागभूमि यह
हम सच्चे साधो हैं
हम मिटटी में पले बढ़े हैं
मिटटी के माधो हैं
रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता |
कुहरे के परकोटे
उनके भीतर मैं हूँ
पंख उग गये मेरे
जब से बाहर देखा
खड़े हुए धुँधलाए
मैंने अपने कल को
- 4 ई 6 , तलवंडी , कोटा - 324005 , राजस्थान , मो. 094139 87457
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