Sunday, August 20, 2017

खण्ड-2 के क्षणिकाकार-25

समकालीन क्षणिका             खण्ड/अंक-02                   अप्रैल 2017



रविवार  :  20.08.2017

क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के अप्रैल 2017 में प्रकाशित खण्ड-2 में शामिल सुश्री पुष्पा मेहरा जी की क्षणिकाएँ। 


पुष्पा मेहरा 





01.
आया मधुमास
भर आई अमराई
जाने क्यों 
क्यारियाँ ख़ामोश रहीं!!

02.
एक ने कहा/शब्द मौन हैं
दूसरे ने कहा
शब्द तीर हैं - पत्थर भी
तीसरे ने कहा
शब्द तो आईना हैं।    

03.
दीप ही दीप जल रहे हैं  
पर अँधेरा भी तो
सेंध लगाने में माहिर है।
छायाचित्र :
 उमेश महादोषी 


04.
जीवंत जड़
माटी की गोद में
धूप का स्पर्श पा
लहलहा उठी!! 

05.
हँसता है बच्चा जब
पहला डग भरता है
रोता है बच्चा जब
परछाईं को पकड़ नहीं पाता 
हाथ बढ़ा कर ही
रह जाता है!!
  • बी-201, सूरजमल विहार, दिल्ली-92/फ़ोन 011-22166598

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