Sunday, June 30, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/339                जून 2024 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 30.06.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


पुष्पा मेहरा





01.


रातों 

करें किलोल,

शोर पर शोर 

सपने हुड़दंगी

प्रताप देख सूरज का 

सुबह छिप जाते 

लौट-लौट आते। 


02.



रेखाचित्र : (स्व.) बी.मोहन नेगी 

जठराग्नि बुझाने की

शक्ति छिपाये, अन्नदाता को 

खोजते लाचार 

गाँव छोड़ शहर आये हैं  

शेष... बस  किस्मत है।

  • बी-201, सूरजमल विहार, दिल्ली-92/फ़ोन 011-22166598

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