समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/338 जून 2024
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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 23.06.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
अशोक आनन
01.
पेड़!
तू अपनी हरियाली पर
इतना नाज़ भी न कर।
ज़रा!
पतझड़ तो आने दे;
तुझे
तेरी औक़ात पता चल जाएगी ।
02.छायाचित्र : अभिशक्ति गुप्ता
पथिक थककर
तेरी छॉंव में बैठ -
कुछ घड़ी सुस्ताता था ;
पतझड़ में -
वही तुझसे दूरी बनाकर
तुझे गलियाने लगा ।
- 11/82, जूना बाज़ार, मक्सी, जिला शाजापुर-465106, म.प्र.
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