Sunday, January 16, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /211                         जनवरी 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 16.01.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


रमेश कुमार भद्रावले




01. आवरण

गर्मी से ज्यादा,

मर्यादा में 

हमेशा ठंड रहती है

गर्मी तो सदा उघड़ी

ठंड 

ओढ़-ओढ़ के रहती है


02. उल्कापात


धूम्रपान,

कभी-कभी

चाँद-तारे भी करते हैं

ऐश-ट्रे समझकर

गुल

धरती पर 

गिरा देते हैं


03. खमीर


रेखाचित्र :  संध्या तिवारी  
उम्र के घोल में

जिन्दगी का रंग

सबसे अच्छा होता है

प्रााणी की 

उलझनों में भी

जलेबी-सा स्वाद

छिपा होता है!

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831 

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