समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /124 मई 2020
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 17.05.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
सीमा स्मृति
01. रहस्य
किसी भी रिश्ते का रहस्य
बस इतना
खुद से रिश्ता है, कैसा?
02. परिणाम
पतंग से हवा में उड़ने वाले,
इंसान
अक्सर भूल जाते हैं
दो बूँद पानी से हुआ
क्या ???
पतंग का हश्र!
03.
तन्हा है कोई
किसी को चाहिए
तन्हाई
जो मिला है बस
वो ही, नहीं चाहिए।
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 17.05.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
सीमा स्मृति
01. रहस्य
किसी भी रिश्ते का रहस्य
बस इतना
खुद से रिश्ता है, कैसा?
02. परिणाम
पतंग से हवा में उड़ने वाले,
इंसान
अक्सर भूल जाते हैं
दो बूँद पानी से हुआ
रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया |
पतंग का हश्र!
03.
तन्हा है कोई
किसी को चाहिए
तन्हाई
जो मिला है बस
वो ही, नहीं चाहिए।
- जी-11, विवेक अपार्टमेंट, श्रेष्ठ विहार, दिल्ली -110092/मो. 09818232000
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