समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /117 मार्च 2020
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }
रविवार : 29.03.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
देवेन्द्र शर्मा
01.
मुझे ऊँचाई पर चढ़ने का
बहुत शौक था
ऊँचाई पर पहुँचा तो पाया
वहाँ,
‘पर’ काम नहीं करते!
02.
रेखाचित्र : महावीर रंवाल्टा |
ग़लत नहीं करता
अच्छा या बुरा यह,
ज़माना तय करता है!
03.
किनारों का वजूद नदी से है
नदी का किनारों से
किनारे फ़र्ज़ अदा करते हैं
नदी वक्त निकलने पर
बिगाड़ देती है!
- सी-90, खादिया प्रोजेक्ट कॉलोनी, एन.सी.एल., शक्तिनगर, जिला-सोनभद्र-231222, उ.प्र.
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