समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /116 मार्च 2020
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श }
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रविवार : 22.03.2020
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
01.
मुस्कान की देह में
चुभते हैं
टीस के कांटे
रेखाचित्र : उमेश महादोषी |
02.
रिश्तों की देह से
टपकने लगा है रक्त
भावनाओं के हृदय में
कसमसाने लगी है मवाद
अहसास की हत्या पर
मौन हैं सब!
- हठीला भैरूजी की टेक, मण्डोला वार्ड, बारां-325205, राज.
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