समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 / 62 मार्च 2019
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श }
02. अविराम क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श }
रविवार : 10.03.2019
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
01.
कमसिन शृंगारदान
मौन है
तिरंगे में लिपटा
ये कौन है?
02.
धरती ने
धारी है धीर
क्योंकि
विलय नहीं होते
कुछ नायाब शरीर !!
03.
ये कैसी
रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता |
जो
लहू से पाटी है !
04.
सफ़ेद कफ़न लिए
बैठी थी
इक पहाड़ी
जो पहनती थी
अब तक
हरी साड़ी !!
- मकान-32, गली नं. 09, न्यू गुरुनानक नगर, गुलाब देवी हॉस्पिटल रोड, जालंधर-144013, पंजाब
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