Sunday, March 3, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 61               मार्च 2019


क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श क्षणिका विमर्श }

02. अविराम क्षणिका विमर्श क्षणिका विमर्श }


रविवार : 03.03.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!



वीणा शर्मा वशिष्ठ




01. गरीब के गाल

गरीब के गाल
ताकते... मुस्कान,
जीवन की अट्टालिकाओं में।
काश!
आज,
संजीवनी से
साक्षात्कार हो।

02. देश प्रेम

देश प्रेम!
छायाचित्र : उमेश महादोषी

याद नहीं 
क्या मिला था... कभी
फंदों पर झूलकर।
वो फंदे,
आज,
ठहाका लगा रहे है।

  • 597, सेक्टर-8, पंचकूला-134109, हरियाणा/मो. 079862 49984

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