समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/334 मई 2024
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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 26.05.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
परमेश्वर गोयल
01.01.
ऐसी व्यवस्था में
हम जी रहे हैं,
दूध बेचकर
चाय पी रहे हैं!
02.
भेड़िया
भेड़ की
बोली बोलता है,
चुनाव सबकी
पोल खोलता है!
रेखाचित्र : के के अजनबी |
प्रतिष्ठा बहू की
दहेज से जुड़ी है,
वह अच्छी है
या बुरी
किसको पड़ी है!
- गुलाब बाग, पूर्णिया- 854326, बिहार
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