Sunday, May 5, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/331                   मई 2024 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 05.05.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



चक्रधर शुक्ल 





01.


पराली

जलाने के पहले

उसने कुछ नहीं सोचा

जलते ही

फेफड़ों को दबोचा!


02.


उनकी आँखों में 

पर्दा पड़ा है,

वायु प्रदूषण इतना बढ़ा 

उन्हें 

कुछ दिख नहीं रहा है!


03.

इस उम्र में 

इतना क्रोध,

रेखाचित्र : (स्व.) बी मोहन नेगी 

अवस्था देख कर 

लोग

नहीं करते विरोध!


  • एल.आई.जी.-1, सिंगल स्टोरी, बर्रा-6, कानपुर-208027(उ.प्र)/ मो. 09455511337

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