Sunday, October 10, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

 समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /197                         अक्टूबर 2021

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 10.10.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



आनन्द प्रकाश शाक्य ‘आनन्द’ 




01.

भूले सब रिश्ते-नाते

जब से शहर आये

मन कुम्हलाये!


02.

चीटी चढ़ती

ऊँचाईयाँ

अजगर लेटा!


रेखाचित्र : डॉ. सुरेंद्र वर्मा 
03.

गगनचुंबी मुंडेरों पर 

बैठा काग

क्या बन पाया हंस

कृष्ण रहे कृष्ण

कंस रहे कंस!

  • धर्मपुर, पोस्ट ज्योती, मैनपुरी-205263, उ.प्र./मो. 07248815852

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