समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 / 93 अक्टूबर 2019
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रविवार : 13.10.2019
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
कृष्णा वर्मा
01.
ठंडे होने लगें रिश्ते
तो लगा दो आग
ग़लतफहमियों को।
02.
अक्सर
खोटे लोग ही देते हैं
खरे सबक।
03.
अहम का तूफ़ान
चित्र : प्रीति अग्रवाल |
हस्ती की कश्ती।
04.
हमारे अपने ही
अभ्यास का
परिणाम होती हैं
हमारी धारणाएँ।
05.
सावनी रुत
बारिशों के पत्र
डुबोएँ बेटियों को
पीहर की यादों में।
- 62, हिलहर्टस ड्राइव, रिचमंड हिल ओन्टारियो, एल 4 बी 2 वी 3, कनेडा
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