Sunday, May 26, 2019

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 73                 मई 2019


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01. समकालीन क्षणिका विमर्श क्षणिका विमर्श }
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रविवार : 26.05.2019

        ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
       सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

सुरेन्द्र वर्मा




01. कैसे पता चलता है?
अकेला होता हूँ
तो दूरभाष का इंतजार करता हूँ
पर तुम्हें
कैसे पता चलता है
मैं इन्तजार करता हूँ!

02. अनुपस्थिति

तुम हमेशा मेरे पीछे-पीछे चलीं
लेकिन एक बार
आश्वस्त होने के लिए
जब मैंने लौटकर देखा
तुम अनुपस्थित थीं

03. अपनी निगाहों से
छाया चित्र : डॉ. सुरेन्द्र वर्मा 
Iमैंने हर बार चाहा
कि अपनी अनुपस्थिति के लिए 
तुम्हें सफाई दूँ
लेकिन तुमने हर बार
अपनी निगाहों से उसे
निरस्त कर दिया

  • 10, एच.आई.जी.; 1-सर्कुलर रोड, इलाहाबाद (उ.प्र.) / मोबाइल : 09621222778

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