समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 / 72 मई 2019
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श }
02. अविराम क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श }
रविवार : 19.05.2019
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
शिव डोयले
01. बरसात
नदी
नहीं बदलती
अपनी गति
अपनी लय
यह बात
अलग है
बादल कहीं
धोखा न करे
02. फागुन-01
निखरा जब
सरसों का रंग
गेहूँ ने
लिख दिए छंद
फागुन ऐसा झूमा
ऐसा झूमा
महक उठी
छायाचित्र : अभिशक्ति गुप्ता |
03. फागुन-02
देखकर
नीम का
नया रूप
आम बौराया
पलाश लगा गाने
फागुन आया
फागुन आया
- 19, झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001, म.प्र./मो. 09685444352
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