Sunday, August 12, 2018

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 38                  अगस्त 2018

रविवार : 12.08.2018

‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


चक्रधर शुक्ल



01. मथने पर

जिनके अन्दर
जो चल रहा है
वही मथने पर 
निकल रहा है।

02. दमा

जिनके फेफड़े 
कमजोर
उन्हें सर्दी-गर्मी
बहुत सताती
जिन्दगी
हाँफ-हाँफ जाती!

03. वर्षा

पावसी फुहारों ने
छायाचित्र : उमेश महादोषी
देह को भिगोया
अम्मा ने-
तुलसी के बीजों को बोया!

04. वर्षा ऋतु

नभ से 
बूँद क्या गिरी
दादुर/खुश हो टर्राये,
चौपालों में रामधुन
भाभी कजरी गाये!

  • एल.आई.जी.-01ए, सिंगल स्टोरी, बर्रा-06ए कानपुर-208027 उ. प्र./मो. 09455511337

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