Sunday, November 17, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-04/359                         नवंबर 2024

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 17.11.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



हितेन्द्र प्रताप सिंह




01.


कुछ तुम्हारी ,

और कुछ उनकी,

कहूँ-

या चुप रहूँ?

संशय बड़ा है।

जुबां पे,

हर कदम,

पहरा कड़ा है।

   

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 

02.


बेहद शिकायत है,

तुम्हारी तटस्थता से,

तुम्हारी चुप्पी से,

तुम्हारी खामोशी से।

तभी तो-

तुम्हारा साथ होना,

ना होने जैसा ही लगता है।

  • 146, सेक्टर 5, आवास विकास, सिकन्दरा, आगरा-282007, उ.प्र./मो. 09411574021

Sunday, November 10, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-04/358                         नवंबर 2024

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रविवार  : 10.11.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!   


सतीश राठी




01.


बहलाव

सिगरेट के धुएँ-सा

छल्ले पर छल्ले बन

विलीन होता चला जाता है

हवा में


02.


झरने की आत्मीयता

चित्र  : प्रीति अग्रवाल 

इन दिनों हो गई है कम

नहीं मिलता अब वह

गर्मजोशी से गले


03.


आसमान

जब हो जाता है बादल

खो बैठता है

अपना वजूद

  • आर-451, महालक्ष्मी नगर, इंदौर-452010, म.प्र./मो. 09425067204

Sunday, November 3, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-04/357                         नवंबर 2024

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रविवार  : 03.11.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


दिनेश प्रताप सिंह चौहान





1.

मौन,

केवल चुप रहना ही नहीं,

यह जानने की उत्सुकता,

कि मैं हूं कौन?

वही है मौन।


चित्र : प्रीति अग्रवाल 
2.

संचय का नहीं

होता दान का मान

तभी तो

मेघ रहें गगन पर

सागर सदा नीचे।

  • 211/2, चित्रगुप्त कॉलोनी, बनगाँव रोड, डॉ. आकाश वर्मा के पास, एटा-207001, उ.प्र./मो. 07906059904

Sunday, October 27, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/356                   अक्टूबर 2024 

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रविवार  : 27.10.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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शिव डोयले



{विगत 11.10.2024 को वरिष्ठ क्षणिकाकार आद. शिव डोयले जी अनंत यात्रा पर निकल गये। उनका क्षणिका के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा है। वह उन विरले कवियों में शामिल रहे हैं, जिनका क्षणिका संग्रह प्रकाशित होकर पाठकों के हाथों तक पहुँचा। उनका क्षणिका संग्रह ‘जैसा मैंने देखा’ अनेक पाठकों ने पढ़ा और सराहा। इसी संगह से तीन क्षणिकाएँ प्रस्तुत करते हुए हम ’समकालीन क्षणिका’ परिवार की ओर से उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।}


01. रुकावट


तुमसे 

नजरें मिलाने को 

जी तो चाहता है

मगर क्या करूँ

कम्बख्त 

तेरा चश्मा

बीच में 

आ जाता है


02. स्वभाव


दल-बदलुओं सा

ये रेत का

स्वभाव

सूरज से 

कह दो

निकला न करे

नंगे पाँव


03. बदलाव


कल तक जो

रोटी के लिए

रेखाचित्र : बी मोहन नेगी (स्मृति:शेष )
लड़ रहा था

आज वह

रोटी खाकर

लड़ने पहुँचा


  • परिवार संपर्क: 19, झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001, म.प्र./मो. 09685444352

Sunday, October 20, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/355                   अक्टूबर 2024 

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रविवार  : 20.10.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!   



ज्योत्स्ना प्रदीप 




01.


जिस

प्रेम में

अविश्वास है,

अधिकार है..

कैसे कह पाते हो तुम

‘मुझे भी प्यार है!!’


02. 

जानती हूँ-  

मैं तुम्हें

छायाचित्र : उमेश महादोषी 
बहुत पसन्द हूँ,

किन्तु डरती हूँ 

पास आने से

क्योंकि 

मैं तेरे दिल में नहीं

दिमाग़ में बन्द हूँ।

  • देहरादून, उ.खण्ड/ईमेल : jyotsanapardeep@gmail.com /मो. 06284048117

Sunday, October 13, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/354                   अक्टूबर 2024 

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रविवार  : 13.10.2024
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अनीता ललित 




01.

गीली माटी से...

सोंधी-सोंधी महक...

आती हो जैसे

मेरी आँखों से...

तेरी यादों की महक...

आती है वैसे


02.

आँसू न समझे जो...

चित्र : प्रीति अग्रवाल 

कितना खुशनसीब है...

वो कमअक़्ल!

मुस्कान ही न समझे जो...

कैसा बदनसीब है...

वो बेअक़्ल!

  • 1/16, विवेक खंड, गोमतीनगर, लखनऊ-226010, उ.प्र.

Sunday, October 6, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/353                   अक्टूबर 2024 

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रविवार  : 06.10.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!   


रमेश कुमार भद्रावले



1. झटका


इस वर्ष,

सारे कौवों ने

सोलह दिन का

उपवास रख लिया,

शायद उन्होंने,

बच्चों से पीड़ित

माँ-बाप का

दर्द समझ लिया,?


2. पित्तर 


खाकर खीर पूड़ी,

रेखाचित्र : (डॉ.) सुरेंद्र वर्मा 


कौआ-बोला-

आजकल हमारा

पेट दुःखता है,

पहले और आज के

बेटों-में

हमें नीयत का

अन्तर दिखता है?

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831

Sunday, September 29, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/352                 सितम्बर  2024 

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रविवार  : 29.09.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

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अशोक ‘आनन’




01. आदमी

दिसम्बर-जनवरी की 

सख्त सड़क

मई-जून में पिघल गई

लेकिन-

रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया 
आदमी नहीं


02. हम

वक्त की खूँटी पर

हम

वक्त के हेंगर हैं

  • मक्सी- 465106, जिला शाजापुर (म.प्र.)