समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/348 सितम्बर 2024
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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 01.09.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
विभा रश्मि
01.
मधुपान करूँ
सब्ज़ बगिया की
फूलवती झाड़ियों में
शहद घोल दूँ
कर्ण-रंधों में प्रकृति के
परोपकारी
हमिंग वर्ड मैं।
02.
कर्णरंध्रों में मेरे
फूँके है कौन मंत्र
और
प्राणवायु स्नायु
ऑक्सीजन
नासिका रन्ध्रों में।
तमन्नाओं की खेती
दिल में कर ,
निज के
स्वप्निल संसार को
मूर्त रूप देने से
कभी न डर
ओ निडर !!
- एस-1/303, लाइफस्टाइल होम्स, होम्स एवेन्यू, वाटिका इण्डिया नेक्स्ट, सेक्टर 83, गुड़गाँव-122004, हरि./मोबा. 09414296536
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