समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03/346 अगस्त 2024
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02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 18.08.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
अशोक आनन
01.
पेड़ !
जिस हवा ने -
ग़रीबों के आशियाने उजाड़ने में
ज़रा भी न सोचा ।
आज
उसी हवा ने -
रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया |
02. दीया
जिसने भी-
अँधेरा जिया है
उसके लिए-
सूरज से बढ़कर
‘दिया’ है
- 11/82, जूना बाज़ार, मक्सी, जिला शाजापुर-465106, म.प्र.
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