Sunday, July 21, 2024

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका              ब्लॉग अंक-03/342                जुलाई 2024 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 21.07.2024
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  



केशव शरण





01. बयान


एक आदमी 

बयान देता है

और सब देने लगते हैं बयान


एक आदमी 

बलिदान देता है

और चुप हो जाते हैं सब


02. चार दिन और


चार दिन और

चिड़ियों को निहार लो

वे क्या कह रही हैं

रेखाचित्र : प्रीति अग्रवाल 
कॉपी में उतार लो

फूलों और पेड़ों के चित्र

चित्त में संवार लो


चार दिन और

फिर रेगिस्तान में बहार लो

  • एस 2/564 सिकरौल वाराणसी-221002/मो. 09415295137

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