Sunday, November 26, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                     ब्लॉग अंक-03/308                  नवम्बर  2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 26.11.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



नरेश कुमार उदास




01.


ओस से नहाती है

जब दूब

मेरे मन में 

खुशी होती है खूब!


02.


वह हमेशा

नाक की सीध में चलते हैं

किसी की नहीं मानते

छायाचित्र : उमेश महादोषी 
अपना रास्ता 

बिल्कुल नहीं बदलते।


03.


हम दोनों चुप थे

लेकिन हमारी आँखें 

इक-दूजे का 

चेहरा पढ़ते

कितना कुछ बोल रही थीं!

  • अकाश-कविता निवास, लक्ष्मीपुरम, सै. बी-1, पो. बनतलाब, जि.  जम्मू-181123 (ज-क)/मो. 09419768718

No comments:

Post a Comment