Sunday, April 9, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /275                     अप्रैल 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 09.04.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


मिथिलेश दीक्षित





01.

कई बार

वह घड़ी 

परीक्षा की आयी,

जब हमने भी

मृत्यु द्वार से

लौटायी! 


02.

बोलबाला

कागों का

हो गया 

सफ़ाया आज

हरे-भरे बागों का।


छायाचित्र : अभिशक्ति गुप्ता  


03.

वक्त की आवाज़ को 

पहचानती हूँ,

मेरे घर के

कट गये हैं

रोशनी के तार क्यों

यह जानती हूँ!

  • जी-91,सी, संजयपुरम लखनऊ-226016 (उ.प्र.) 

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