Sunday, April 2, 2023

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /274                     अप्रैल 2023 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 02.04.2023
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 



प्रगति गुप्ता





01.


कुछ एहसासों को अब 

मेरे पास छोड़ तो ज़रा 

कुछ गुम हुए पलों को 

फिर से लौट आने दे ज़रा 

ज़िंदगी ने फिर से वही 

साँसें ली हैं- 

तू मुझे... 

मुझे खुद में महसूस होने दे ज़रा... 


02.


ना मैं मन्नत 

माँगता- 

रेखाचित्र : डॉ. संध्या तिवारी 

ना धागे बाँधकर 

खोलता- 

बस उस खुदा का साथ 

खोजता-

उसके साथ चलने और होने के 

एहसास 

माँगता... 

  • 58, सरदार क्लब स्कीम, जोधपुर-342001, राज./मो. 07425834878 

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