Sunday, November 27, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                          ब्लॉग अंक-03 /256                     नवम्बर 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 27.11.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


पुष्पा मेहरा





01.

घुप्प अँधेरा

नुकीले पत्थर बिछे रास्ते 

ऐसे में घर वाले कहते हैं 

बढ़ते चलो...


02.

मेरे चारों ओर 

छायाचित्र : उमेश महादोषी 
फूलों की खुशबू है 

और काँटों का घेरा है!



03. 

मेरे घर और उसके बीच 

एक चौड़ी सड़क है 

मन के दरमियान गहरी खाईं

और घुप्प अँधेरा है!!

  • बी-201, सूरजमल विहार, दिल्ली-92/फ़ोन 011-22166598 

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