Sunday, March 20, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /220                       मार्च 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 20.03.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!


शिव डोयले





01.


बिना किताब के

पढ़ लेती है

जवान होती लड़की

आदमी में 

पनपते भेड़िये से 

बचकर रहना!


02.


दल-बदलुओं-सा

ये रेत का/स्वभाव

सूरज से/कह दो

निकला न करे

नंगे पाँव!


03.


तेरी राह से

गुजरते हुए

यूँ पत्ते चरमराये

लगा, मानो

तेरे साथ बीते दिन

फिर लौट आये!


04.


उसने सम्बन्धों को

इस तरह

भुला दिया,

जैसे यात्रा के दौरान

नदी में 

इक सिक्का

रेखाचित्र : (स्व.) बी.मोहन नेगी 

डाल दिया!


05.


गिरकर 

चूर हुआ ट्रक

घाटी की/उतार से

टूटफूट में

शेष बचा था

‘देखो मगर प्यार से’!


  • 19, झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001, म.प्र./मो. 09685444352

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