Sunday, February 20, 2022

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /216                         फरवरी 2022 

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार 20.02.2022
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


ज्योत्स्ना शर्मा 



01.


थक गया कहते-कहते

निरीह!

सब सहता है! 

अब शोर तो करता है मन 

लेकिन कुछ नहीं कहता है,

भीतर-भीतर रोता है।


02.


उठो!

काम खत्म?

नाश्ता करना है कि नहीं?

क्या नहा लिया?

रेखाचित्र : रमेश गौतम
सारी चिल्लपों का

एक समाधान पा लिया ,

ब्लूटूथ लगा लिया!


03.


कितनी अच्छी है वो!

मैं उससे...

देर तक बतियाती रही

...और प्यारी तन्हाई

मेरी हाँ मे हाँ मिलाती रही।

  • एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला-वलसाड-396191, गुजरात/मो. 09824321053

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