Sunday, November 21, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /203                         नवम्बर 2021

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 21.11.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  



सूर्यनारायण गुप्त ‘सूर्य’




01. परिवर्तन


जब से-

झूठ/लोगों को

बहलाने लगा,

सच 

हकलाने लगा!


02. बन्दूक और कलम


देख-

बन्दूक की

कमाई

कलम शरमाई!


03. अभिशप्त स्वतंत्रता


स्वतंत्र

रेखाचित्र : अनुभूति गुप्ता 

भारत का

सम्पूर्ण खाका,

कहीं-

मौज-मस्ती

कहीं-

फाका!

  • ग्राम व पोस्ट- पथरहट, गौरी बाजार, जनपद- देवरिया (उ.प्र.)/मोबा. 09450234855

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