समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /201 नवम्बर 2021
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01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 07.11.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 07.11.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
शिव डोयले
01. सबूत
पत्तियों पर हैं
कुछ दस्तखत
आप गवाही की
पूछते हैं
ओस ने तो
वृक्ष खड़ा
कर दिया।
02. सड़क
मेरे घर के
सामने वाली
सड़क
ऐसी लगती है
मानो किसी
मजदूर लड़के की
फटी बनियान!
03. यादें
एकांत ने
आहिस्ता से
समय की
चित्र : प्रीति अग्रवाल |
कंकर फेंका
लहरें उठीं
धीरे-धीरे
एक-एक करके
यादों में
बदल गईं।
- 19, झूलेलाल कॉलोनी, हरीपुरा, विदिशा-464001, म.प्र./मो. 09685444352
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