Sunday, August 1, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /187                        अगस्त 2021

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 01.08.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है! 


पुष्पा मेहरा



01.

ठिठुरती भोर 

ओस से मुँह धोने 

उतरी ही थी कि

सूर्य ने पहले तो ओस को 

इन्द्रधनुष से सजाया  

फिर विश्वासघात कर   

रेखाचित्र : मार्टिंन जॉन  
उसकी हस्ती ही मिटा दी!


02.


कौन कहता है 

दीवार खड़ी करने से 

पानी की धाराएँ रुक जाती हैं 

वे तो अपनी झिरी 

आप ही खोज लेती हैं।

  • बी-201, सूरजमल विहार, दिल्ली-92/फ़ोन 011-22166598

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