समकालीन क्षणिका ब्लॉग अंक-03 /172 अप्रैल 2021
क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-
01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 18.04.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}
रविवार : 18.04.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!
शैलेष गुप्त ‘वीर’
01.
उदासी को डस्टबिन में
फेंक कर
चंदा और सूरज
ख़ुशियों की आइसक्रीम
साथ-साथ खायेंगे,
हमेशा मुस्कुरायेंगे!
02.
इधर हृदय-थाल में रेखाचित्र : मॉर्टिन जॉन
रोली-कुमकुम-अक्षत है,
उधर दुर्घटना
और बहू का
हर सपना
क्षत-विक्षत है!
- 24/18, राधा नगर, फतेहपुर-212601, उ.प्र./मो. 09839942005
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