Sunday, April 4, 2021

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका                      ब्लॉग अंक-03 /170                        अप्रैल 2021

क्षणिका विषयक आलेखों एवं विमर्श के लिए इन लिंक पर क्लिक करें-

01. समकालीन क्षणिका विमर्श { क्षणिका विमर्श}
02. अविराम क्षणिका विमर्श {क्षणिका विमर्श}

रविवार  : 04.04.2021
‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।

सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!  


रमेशकुमार भद्रावले



01. स्पर्श 

पारस,

तो, आज-कल

शहर भी,

होते हैं,

जमीं को

छू लें 

तो,

सोना बना

देते हैं!

02. मुआवजा

कीड़ा 

आम की गुठली में

क्या निकल गया

गुठली को

मुआवजे का

हक मिल गया!

03. सायफन

पानी और आदमी का

पल-पल का साथ है,

छाया चित्र : प्रीति अग्रवाल 

काश,

पानी का सिर्फ एक गुण

आदमी में आ जाता,

आज,

आदमी,आदमी की सतह

बराबर कर पाता!

  • गणेश चौक, हरदा, म.प्र./मो. 09926482831

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