Sunday, December 9, 2018

क्षणिका चयन-01 : मुद्रित अंक 01 व 02 के बाद

समकालीन क्षणिका            ब्लॉग अंक-03 / 49                  दिसम्बर 2018


नोट : मित्रो, स्तरीय क्षणिकाएँ पर्याप्त संख्या में न मिल पाने के कारण पिछले 14 अक्टूबर 2018 की पोस्ट के बाद 02 दिसम्बर तक के किसी भी रविवार को हम क्षणिकाएँ पोस्ट नहीं कर पाए। आज की पोस्ट के साथ हमने निर्णय लिया है क जब तक पर्याप्त संख्या में ़क्षणिकाएँ उपलब्ध नहीं होतीं, तब तक हर रविवार को किसी एक क्षणिकाकार की दो या तीन क्षणिकाएँ ही पोस्ट की जायेंगी ताकि यह क्रम बना रहे। 

रविवार : 09.12.2018

 ‘समकालीन क्षणिका’ के दोनों मुद्रित अंकों के बाद चयनित क्षणिकाएँ। भविष्य में प्रकाशित होने वाले अंक में क्षणिकाओं का चयन इन्हीं में से किया जायेगा।
सभी रचनाकार मित्रों से अनुरोध है कि क्षणिका सृजन के साथ अच्छी क्षणिकाओं और क्षणिका पर आलेखों का अध्ययन भी करें और स्वयं समझें कि आपकी क्षणिकाओं की प्रस्तुति हल्की तो नहीं जा रही है!

बालकृष्ण गुप्ता ‘गुरु’







01. भविष्य 

सूखी नदी के किनारे पड़ा 
बोतल बंद पानी 
गगन में चक्कर लगाते परिंदे 
धरा पर 
छायाचित्र : उमेश महादोषी 
मनुष्य के माथे पर बल


02. निराशा 

कैलेंडर से निकलकर
भविष्य के गर्त में 
ऱोज कूदती एक तारीख 
रह जाता जीवन फड़फड़ाकर.

  • डॉ. बख्शी मार्ग, खैरागढ़-491881, जिला राजनांदगांव, छ.गढ़/मो. 09424111454

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