Sunday, May 7, 2017

प्रथम खण्ड के क्षणिकाकार-53

समकालीन क्षणिका             खण्ड-01                  अप्रैल 2016

रविवार  :  07.05.2017


क्षणिका की लघु पत्रिका ‘समकालीन क्षणिका’ के खण्ड अप्रैल 2016 में प्रकाशित हरीलाल ‘मिलन’ जी की क्षणिकाएँ।


हरीलाल ‘मिलन’




01. भूख
भूख
झुग्गी-झोपड़ियों में
चुपके-से आती है
किसी-न-किसी को 
साथ लेकर/जाने कहाँ 
चली जाती है!

02. आदमी
आदमी!
अधरों पर हँसी
छायाचित्र : उमेश महादोषी 
आँखों में नमी!

03. भीतर का इन्सान
इन्सान के 
भीतर का इन्सान
रो रहा है
क्योंकि बाहर का इन्सान
लाशें ढो रहा है!

04. शान्ति
मानव/बढ़ रहा है
हिंसा के सहारे
उस दिशा की ओर
जहाँ/न क्रान्ति है
न शान्ति है!

  • 300 ए/2, (प्लॉट 16-बी), दुर्गावती सदन, हनुमन्तनगर, नौबस्ता, कानपुर (उ.प्र.)/मोबा. 09935299939

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